
नई दिल्ली: एक अहम मौद्रिक नीति फैसले में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट घटाकर 6% कर दिया है। आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने और घटती महंगाई को ध्यान में रखते हुए उठाया गया यह कदम भारत के रियल एस्टेट सेक्टर पर बड़ा असर डाल सकता है।
25 आधार अंकों की इस कटौती से होम लोन की ब्याज दरों में सीधे कमी आएगी, जिससे घर खरीदना अब पहले से ज्यादा किफायती होगा। उम्मीद है कि बैंक भी यह राहत ग्राहकों तक पहुँचाएंगे, जिससे ब्याज दरें करीब 8.5% से घटकर 8.25% हो सकती हैं। अगर कोई खरीदार ₹50 लाख का लोन 20 साल के लिए लेता है, तो उसकी EMI में हर महीने ₹800-900 तक की बचत हो सकती है। इससे न सिर्फ घर खरीदना आसान होगा, बल्कि लोगों की खरीदने की क्षमता भी बढ़ेगी।
बीपीटीपी के सीएफओ मानिक मलिक ने कहा, “रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6% करना अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक कदम है, खासकर रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए। नीति दर में इस बदलाव से उधार लेने की लागत कम होने की उम्मीद है, जिससे डेवलपर्स और घर खरीदने वाले दोनों को लाभ होगा। डेवलपर्स को कम उधार दरों के माध्यम से वित्तीय राहत मिलेगी, जिससे परियोजना निष्पादन में आसानी होगी और निर्माण लागत को प्रबंधनीय बनाए रखा जा सकेगा। घर खरीदने वालों के लिए, रेपो दर में यह कमी घर के लोन की ईएमआई में कमी लाएगी, जिससे घर खरीदना आसान हो जाएगा। इससे खरीदारों की भावना फिर से जागृत हो सकती है और रेजिडेंशियल और कमर्शियल रियल एस्टेट दोनों बाजारों में मांग बढ़ सकती है। कुल मिलाकर, समय पर किया गया यह हस्तक्षेप रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि का समर्थन करेगा, निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा और प्रॉपर्टी के मूल्यों में स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा। यह कदम राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित करते हुए आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के सरकार के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है, और यह कंजूमर और इंडस्ट्री दोनों के लिए अनुकूल दृष्टिकोण प्रदान करता है।”

ब्याज दरों में कटौती से रियल एस्टेट डेवलपर्स को बड़ी राहत मिली है। यह सेक्टर लंबे समय से महंगे फाइनेंस, मजदूरों की कमी और बढ़ती निर्माण लागत जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा था। अब कम ब्याज दरों के कारण प्रोजेक्ट्स को तेजी से पूरा किया जा सकेगा और निर्माण फाइनेंस की लागत घटने से नकदी प्रवाह में भी सुधार होगा। इस राहत का फायदा उठाकर डेवलपर्स खरीदारों को आकर्षित करने के लिए बेहतर ऑफ़र या प्रतिस्पर्धी कीमतें पेश कर सकते हैं।
ट्रिनिटी के प्रबंध निदेशक आदिल अल्ताफ कहते हैं, “आरबीआई एमपीसी द्वारा रेपो दर में 25 बीपीएस की कटौती करके इसे 6% करने का निर्णय एक स्वागत योग्य खबर है। रियल एस्टेट उद्योग के लिए, यह कम होम लोन ईएमआई सुनिश्चित करेगा, जिससे खरीदार का विश्वास बढ़ेगा। हमें लग्जरी सेगमेंट में पहली बार घर खरीदने वालों की बढ़ती दिलचस्पी की उम्मीद है, जो रियल एस्टेट उद्योग के समग्र दृष्टिकोण के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है।”

आवासीय क्षेत्र, जिसने आर्थिक मुश्किलों के बावजूद मजबूती बनाए रखी है, के लिए यह समय बेहद अनुकूल साबित हो सकता है। जैसे-जैसे लोन लेना पहले से आसान और सस्ता हो रहा है, मार्केट में पहली बार घर खरीदने वाले बड़ी संख्या में आ रहे हैं। इसका सबसे अधिक फायदा किफायती और मिड-सेगमेंट हाउसिंग को मिलेगा, जो कुल मांग का सबसे बड़ा हिस्सा हैं।
कॉन्शिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के बिजनेस हेड मोहित अग्रवाल ने कहा, “आरबीआई द्वारा रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती करके इसे 6% करने का फैसला प्रीमियम रियल एस्टेट सेगमेंट के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। लगातार 11 बार रेट होल्ड करने के बाद, इस कटौती से होम लोन को और अधिक किफायती बनाकर आवास की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। कम उधारी लागत से लग्जरी घर खरीदने वालों और निवेशकों के लिए अफोर्डिबिलिटी बढ़ेगी, जिससे हाई-एंड आवासीय बाजारों में मांग बढ़ेगी। यह रेट कटौती, एमपीसी के तटस्थ रुख के साथ मिलकर स्थिरता का संकेत देती है, जिससे एचएनआई और एनआरआई रणनीतिक निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। हम एक डेवलपर के रूप में कम वित्तपोषण लागत से भी लाभान्वित हो सकते हैं, जिससे परियोजना का तेजी से निष्पादन संभव होगा। हम लग्जरी हाउसिंग सेक्टर में, खासकर मेट्रो शहरों में, नए सिरे से गति की उम्मीद करते हैं, क्योंकि कम ईएमआई और आकर्षक वित्तपोषण विकल्प खरीदार का विश्वास बढ़ाते हैं।”

कम होते पूंजीगत खर्च की वजह से अब व्यवसायों के लिए अपने कार्यों का विस्तार करना और स्थान बदलना पहले से ज्यादा आसान और किफायती हो जाएगा। इसका सीधा फायदा कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा। साथ ही, ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ते प्रभाव के चलते लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग जैसे क्षेत्र पहले से ही तेज़ी पकड़ चुके हैं, जहां अब और अधिक निवेश की संभावना बन रही है।
रॉयल ग्रीन रियल्टी के प्रबंध निदेशक यशांक वासन ने कहा, “गवर्नर संजय मल्होत्रा की अगुवाई में आरबीआई एमपीसी की बैठक में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6% करने की घोषणा की गई है। फरवरी 2023 से यह दर अपरिवर्तित बनी हुई है। दर में कटौती से घर खरीदने वालों को फायदा होगा, क्योंकि होम लोन पर ब्याज दरों में कमी आएगी, जिससे वहन क्षमता बढ़ेगी। लोन की ईएमआई भी कम हो जाएगी, जो मौजूदा होम लोन को पुनर्वित्त करने के लिए फायदेमंद होगी।”
रियल एस्टेट शेयरों ने इस घोषणा पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, प्रमुख डेवलपर्स के शेयर मूल्य में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई की यह मौद्रिक नरमी रियल एस्टेट में एक लंबे समय तक टिकने वाला सुधार चक्र शुरू कर सकती है। खासकर तब, जब भविष्य की नीति समीक्षाओं में भी आरबीआई अपना यही सहयोगी रुख बनाए रखे।
जो घर खरीदार अब तक मौके का इंतज़ार कर रहे थे, उनके लिए यह रेपो रेट कटौती एक बेहतरीन मौका लेकर आई है। बढ़ती मांग के चलते भविष्य में प्रॉपर्टी की कीमतों में इज़ाफा हो सकता है, ऐसे में यह समय घर खरीदने के लिए सही साबित हो सकता है।