
PM मोदी ने वाराणसी में 3,880 करोड़ की 44 विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन, काशी को बताया प्रगति का मॉडल
वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वाराणसी के मेहदीगंज में 3,880 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली 44 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं में सड़क अवसंरचना, बिजली, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में विकास कार्य शामिल हैं, जिनका उद्देश्य क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए काशी के तीव्र विकास को रेखांकित किया और कहा कि यह प्राचीन शहर अब केवल सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक नहीं, बल्कि आधुनिक भारत के विकास का मॉडल बन चुका है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के उन्नयन, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और बेहतर नागरिक सुविधाओं के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री ने भोजपुरी में “काशी हमार हौ, हम काशी के हईं” कहते हुए जनता से जुड़ाव दर्शाया और पिछले 10 वर्षों में हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए विपक्ष की आलोचना भी की। इस दौरान उन्होंने 70 वर्ष से अधिक आयु के तीन वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान कार्ड, तीन जीआई प्रमाणपत्र और डेयरी किसानों को 106 करोड़ रुपये का बोनस वितरित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की विचारधारा को रेखांकित करते हुए महात्मा ज्योतिबा फुले जैसे महापुरुषों की प्रेरणा को देशसेवा की दिशा में मार्गदर्शक बताया।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि बीते एक दशक में बनारस ने विकास की नई गति पकड़ी है—यह शहर आधुनिकता को अपनाते हुए अपनी सांस्कृतिक विरासत को भी सहेज रहा है। उन्होंने महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले के नारी सशक्तिकरण आंदोलन की भी सराहना की और उसे आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
हनुमान जन्मोत्सव से पहले वाराणसी की जनता को ‘विकास उत्सव’ के रूप में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में सड़क, जल आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल से जुड़ी कई परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में भारत में दूध उत्पादन में 65% की वृद्धि हुई है और देश दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक बन गया है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड, लोन में वृद्धि और मुफ्त वैक्सीनेशन जैसी योजनाओं का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि वाराणसी अब “आरोग्य की राजधानी” के रूप में उभर रही है, जहाँ देश के प्रमुख अस्पतालों की सुविधाएं अब स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं, जिससे पूर्वांचल के नागरिकों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल रहा है।