
पुरी, ओडिशा: शुक्रवार को विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथ यात्रा के अवसर पर पुरी की पवित्र भूमि पर आस्था का अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के दिव्य रथों के दर्शन के लिए शहर की सड़कों पर उमड़ पड़े। यह वार्षिक आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक एकता का प्रतीक बन चुका है।
कड़ी सुरक्षा और समर्पित प्रशासनिक व्यवस्था
पुरी जिला प्रशासन और सुरक्षा बलों ने इस विशाल आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए। जिला मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ स्वैन ने बताया कि रथ यात्रा मार्ग पूरी तरह श्रद्धालुओं से भरा है और सभी अनुष्ठान पूर्व निर्धारित समय के अनुसार संपन्न हो रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम को भी तैनात किया गया है।
NDRF के डिप्टी कमांडेंट नवीन राणा के अनुसार, उनकी टीम को हर आपात स्थिति – जैसे मेडिकल इमरजेंसी या भीड़ में अफरातफरी – से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। चार मॉक ड्रिल भी जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित की गई थीं। वहीं, ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध के चलते 6-7 अवैध ड्रोन हटाए गए, ताकि सुरक्षा में कोई बाधा न आए।
गुंडिचा यात्रा: श्रद्धा का शिखर
भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ अपने मंदिर से रथों पर सवार होकर गुंडिचा मंदिर की ओर निकले, जहां वे एक सप्ताह तक निवास करेंगे। इस दौरान भव्य रथ – ‘नंदीघोष’, ‘तालध्वज’ और ‘दर्पदलना’ – को भक्तगण रस्सियों से खींचते हैं, जो एक पुण्य अवसर माना जाता है। देश-विदेश से आए लाखों भक्तों ने इस मौके पर महाप्रभु के दिव्य दर्शन किए।
माननीय प्रधानमंत्री ने शुभकामनाएँ दीं–
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पवित्र अवसर पर सभी देशवासियों को मेरी ढेरों शुभकामनाएं। श्रद्धा और भक्ति का यह पावन उत्सव हर किसी के जीवन में सुख, समृद्धि, सौभाग्य और उत्तम स्वास्थ्य लेकर आए, यही कामना है। जय जगन्नाथ!
मुख्यमंत्री का संदेश
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस शुभ अवसर पर देश-विदेश से आए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा, “रथ यात्रा आस्था और भक्ति का पर्व है। आइए, हम सब पूरी श्रद्धा से महाप्रभु के रथ के दर्शन करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।”
रथ यात्रा का यह आयोजन न केवल धार्मिक भावनाओं को सशक्त करता है, बल्कि भारत की समृद्ध परंपरा, एकता और सांस्कृतिक विरासत को भी गौरवशाली ढंग से दर्शाता है।