
New Delhi: दिल्ली-एनसीआर में अब ट्रैफिक व्यवस्था को और स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। द्वारका एक्सप्रेसवे और एनएच-48 (शिव मूर्ति से खेड़की दौला तक) के 56.46 किलोमीटर लंबे हिस्से पर देश का पहला एआई-आधारित एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) लागू कर दिया गया है। यह प्रणाली पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित है, जो ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन, सड़क हादसों, ओवरस्पीडिंग, बिना सीट बेल्ट ड्राइविंग, हेलमेट न पहनने जैसे मामलों को रियल टाइम में पहचानकर तुरंत कार्रवाई की सुविधा देती है।
इस सिस्टम में लगभग हर एक किलोमीटर पर हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे, ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरे, स्पीड डिस्प्ले बोर्ड और वेरिएबल मैसेज साइन बोर्ड लगाए गए हैं। एक केंद्रीय कंट्रोल रूम इन सभी गतिविधियों की निगरानी करता है और सीधे ई-चालान प्रणाली से जुड़ा हुआ है, जिससे नियम तोड़ने वालों को तुरंत नोटिस जारी किया जा सके। जून के अंतिम सप्ताह में की गई निगरानी में सामने आया कि 1.7 लाख से अधिक ट्रैफिक उल्लंघन रिकॉर्ड हुए, जिनमें से 63% अवैध रूप से घुसे दोपहिया और तिपहिया वाहनों से जुड़े थे।
अब दिल्ली सरकार राजधानी के 500 से ज्यादा ट्रैफिक जंक्शनों पर भी इसी तरह का इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) लागू करने जा रही है, जो पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को एकसमान, स्वचालित और सख्त निगरानी वाले तंत्र में बदल देगा। यह सिस्टम न केवल चालान जारी करेगा, बल्कि ट्रैफिक डेटा के विश्लेषण से भविष्य की योजना और नीतियों को भी दिशा देगा।
इस अत्याधुनिक व्यवस्था के जरिए दिल्ली अब स्मार्ट सिटी की ओर एक और ठोस कदम बढ़ा चुकी है, जहां ट्रैफिक नियंत्रण अब मशीन लर्निंग और एआई तकनीक के हवाले होगा। इससे सड़क सुरक्षा तो बढ़ेगी ही, साथ ही यातायात का अनुशासन और निगरानी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और प्रभावशाली होगी।