
Patna: कैबिनेट बैठक में बिहार के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया, जिसमें राज्य के छह शहरों मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, वाल्मीकि नगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा में छोटे हवाई अड्डों के निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) को मंजूरी दी गई। यह समझौता भारतीय विमानपतन प्राधिकरण (एएआई), नई दिल्ली और बिहार सरकार के बीच हुआ है, जिसका उद्देश्य इन क्षेत्रों की हवाई कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना और स्थानीय विकास को गति देना है। सरकार ने शुरुआती चरण में प्रति एयरपोर्ट 25 करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया है, जिससे कुल 150 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
हाल के वर्षों में बिहार में हवाई सेवाओं के विस्तार की दिशा में कई योजनाएं बनी हैं। बजट 2025-26 में राजगीर, भागलपुर, सिवान और रक्सौल जैसे शहरों में भी हवाई अड्डों के विकास की योजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं। इनमें राजगीर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और रक्सौल में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, बिहटा में एक नए सिविल एन्क्लेव की भी मंजूरी मिली है, जिससे पटना एयरपोर्ट पर यात्री भार कम किया जा सकेगा। ये सभी कदम बिहार के दूर-दराज क्षेत्रों को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने और राज्य के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए हैं।
एमओयू के तहत सबसे पहले चिन्हित शहरों में जमीन का सर्वे किया जाएगा, उसके बाद एयरपोर्ट निर्माण की विस्तृत योजना बनेगी। सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो वर्षों के भीतर कम से कम दो हवाई अड्डों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर फंडिंग करेंगी। यह पहल दरभंगा एयरपोर्ट की सफलता के बाद उठाया गया एक बड़ा कदम है, जो 2023 में शुरू हुआ और आज एक सफल उदाहरण बन चुका है।
इन नए हवाई अड्डों के बनने से उन शहरों को पहली बार हवाई सेवा का लाभ मिलेगा, जहां अब तक लोगों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। छोटी उड़ानों के संचालन से न केवल यातायात में सुविधा होगी, बल्कि व्यापार, शिक्षा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना से बिहार की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर बदलने की पूरी उम्मीद है और यह राज्य को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर तरीके से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
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