जम्मूकश्मीर की 90 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है, 8 अक्टूबर को मतों की गिनती होगी। घाटी में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत पड़ेगी।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का तीसरा और अंतिम दौर सात जिलों की 40 सीटों पर मतदान के साथ समाप्त हो गया। जनता ने फैसला ईवीएम में बंद कर दिया है। फैसला किसके हक में जाएगा, इसके लिए 8 अक्तूबर का इंतजार है। अब नतीजे ही बताएंगे कि भारत के इस जन्नत में किसकी सरकार बनेगी।

कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है, जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम ताराचंद, पूर्व मंत्री शाम लाल, पूर्व मंत्री अजय सडोत्रा, पूर्व मंत्री योगेश साहनी, पूर्व मंत्री रमण भल्ला समेत कई दिग्गज शामिल हैं।

वर्ष 2014 में जम्मू जिले की दस में आठ सीटें भाजपा ने जीतीं थीं परंतु परिसीमन के बाद हुए बदलाव में अब ये सीटें 11 हो गई हैं। इन पर भाजपा और कांग्रेस में पूरी जोर आजमाइश रही। कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस तो कुछ जगहों पर भाजपा भारी पड़ती नजर आई।

अब देखना यह है की जम्मू और कश्मीर की जनता के मन में क्या है और वो लोग वादी को लेकर कितने सजग हैं और क्या सोच रहे हैं। विभिन्न सर्वे और टीवी रिपोर्ट्स देखकर ऐसा कुछ स्पष्ट नहीं रहा है की जम्मू कश्मीर की जनता किस मुद्दे पर वोट की है, क्योंकि विकास और स्थानीय मुद्दों के बारे में युवा, महिला और बुजुर्ग बात करते रहे हैं। सरकार जिसकी भी बनें पर भारत के इस स्वर्ग में अमन-चैन बना रहे और विकास हो यह अधिकतर लोगों की चाहत है।