नमक से लेकर ट्रक बनाने वाले टाटा समूह के मानद चेयरमैन  ने 86 साल की आयु में इस दुनिया से विदा हो गए

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में 9 अक्टूबर, 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें “दूरदर्शी नेता और महान मानव” कहकर श्रद्धांजलि दी और उनके अद्वितीय योगदान की सराहना की, विशेष रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और पशु कल्याण के क्षेत्रों में। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि टाटा ने भारत के उद्योग जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

रतन टाटा का अंतिम संस्कार मुंबई के एनसीपीए लॉन में किया जाएगा, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग जुटेंगे​।

रतन टाटा (1937-2024) भारत के महानतम उद्योगपतियों में से एक थे। वे टाटा समूह के चेयरमैन एमेरिटस थे और उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई। उनके कार्यकाल में टाटा ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया, जैसे जगुआर लैंड रोवर और टेटली। रतन टाटा अपने उद्यमिता कौशल के साथ-साथ अपनी विनम्रता और परोपकार के लिए भी प्रसिद्ध थे। उन्होंने देश के शिक्षा, स्वास्थ्य और पशु कल्याण के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उन्हें पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) जैसे सम्मान भी दिए गए। 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

टाटा समूह भारत का सबसे प्रतिष्ठित और विशाल औद्योगिक समूह है, जिसकी स्थापना 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी। यह समूह विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है, जैसे स्टील, ऑटोमोबाइल, आईटी सेवाएं, होटल, और दूरसंचार।

टाटा समूह की प्रमुख कंपनियों में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा पावर, टाटा केमिकल्स, और टाटा कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स शामिल हैं। टाटा समूह अपने वैश्विक विस्तार के लिए जाना जाता है, जिसमें उसने जगुआर लैंड रोवर और कोरस जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया है।

समूह की फिलॉसफी में सिर्फ व्यापारिक लाभ नहीं, बल्कि समाज कल्याण और राष्ट्र निर्माण पर भी जोर दिया गया है। टाटा समूह की कंपनियां टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर परोपकारी कार्य करती हैं।

रतन टाटा ने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई वैश्विक स्तर पर अधिग्रहण किए और अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत किया​।