
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शपथ ग्रहण से पहले लगातार अपने सहयोगी और पड़ोसी देशों को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं। न्यू यॉर्क टाइम्स के अनुसार, ट्रम्प ने सोमवार को ग्रीनलैंड को अमेरिकी नियंत्रण में लेने का प्रस्ताव रखा। ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “नेशनल सिक्योरिटी और दुनिया भर में आजादी के लिए अमेरिका को ग्रीनलैंड पर नियंत्रण रखना जरूरी है।”
ग्रीनलैंड, जो उत्तरी अटलांटिक महासागर में स्थित है, डेनमार्क का एक स्वायत्त क्षेत्र है, जिसमें अपना प्रधानमंत्री होता है। ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री, म्यूट एगेडे ने ट्रम्प के बयान का जवाब देते हुए कहा, “ग्रीनलैंड हमारा है। हम बिकाऊ नहीं हैं और न कभी बिकाऊ होंगे। हमें अपनी आजादी के लिए किए गए लंबे संघर्ष को खोना नहीं चाहिए।”
अभी तक डेनमार्क के विदेश मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ट्रम्प ने इससे पहले 2019 में भी ग्रीनलैंड को खरीदने का प्रस्ताव दिया था।
ग्रीनलैंड में करीब 57,000 लोग रहते हैं और यह दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 21 लाख वर्ग किमी है। ग्रीनलैंड का 85% हिस्सा मोटी बर्फ की चादर से ढका हुआ है, और यहां दुनिया का 10% ताजा पानी पाया जाता है। यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रहा है, जिससे इसका सामरिक और आर्थिक महत्व बढ़ रहा है। यहां नियोडायनियम, प्रासियोडायमियम, और यूरेनियम जैसे दुर्लभ खनिजों का भंडार है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ग्रीनलैंड में खनन गतिविधियों में चीन की बड़ी हिस्सेदारी भी है। इसके अलावा, ग्रीनलैंड और आर्कटिक क्षेत्र की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिससे इस क्षेत्र का सामरिक और आर्थिक महत्व और बढ़ गया है।

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यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने ग्रीनलैंड को खरीदने की इच्छा जताई हो। 1946 में, अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने डेनमार्क से ग्रीनलैंड को 10 करोड़ डॉलर में खरीदने का प्रस्ताव रखा था। ग्रीनलैंड के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में अमेरिकी वायुसेना का एक अड्डा भी है, जहां करीब 600 सैनिक तैनात हैं।
ट्रम्प इससे पहले पनामा नहर को फिर से अमेरिकी नियंत्रण में लेने की धमकी भी दे चुके हैं। पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने इस धमकी का विरोध करते हुए कहा था कि पनामा की स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पनामा नहर के निर्माण के बाद, यह हजारों मील का समुद्री मार्ग संक्षिप्त हो गया था, जिससे अमेरिका के पश्चिमी और पूर्वी तटों के बीच यात्रा करना आसान हो गया।