जम्मू-कश्मीर में लंबे समय से चल रही राजनीतिक अस्थिरता के बाद आखिरकार नई सरकार का गठन हो गया है। राज्य में विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन की लंबी बातचीत और खींचतान के बाद नई सरकार का स्वरूप तय किया गया।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल के अंतराल के बाद एक नई सरकार का गठन हुआ है। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आज उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की मौजूदगी में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। यह शपथ ग्रहण समारोह श्रीनगर के राजभवन में आयोजित किया गया, जिसमें राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं ने भाग लिया।

उमर अब्दुल्ला ने शपथ लेते हुए कहा, “यह दिन जम्मू-कश्मीर के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है। मेरी सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकास, शांति और सामंजस्य को बढ़ावा देना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी समुदायों के हितों की रक्षा करने और जम्मू-कश्मीर के विशेष अधिकारों की बहाली के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर अब्दुल्ला को बधाई देते हुए कहा कि यह समय जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने का है। उन्होंने उमर अब्दुल्ला को सभी क्षेत्रों में समान विकास सुनिश्चित करने के लिए सरकार के सभी प्रयासों में सहयोग देने का आश्वासन दिया।

यह नई सरकार ऐसे समय में बन रही है जब जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक स्थिरता और विकास की आवश्यकता महसूस की जा रही है। उमर अब्दुल्ला की वापसी को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है, और उनके नेतृत्व में नई सरकार से जनता की बड़ी उम्मीदें हैं।

अब सभी की नजरें इस बात पर होंगी कि उमर अब्दुल्ला अपनी सरकार के एजेंडे को कैसे लागू करते हैं और राज्य के लोगों की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं।

इस दौरान विपक्षी दलों के प्रमुख गठबंधन ‘इंडिया’ (I.N.D.I.A) ने अपनी एकजुटता और राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के बड़े नेता और इंडिया गठबंधन के प्रमुख चेहरे एकत्रित हुए, जो उमर अब्दुल्ला की सरकार के प्रति अपना समर्थन दिखाने के लिए विशेष रूप से उपस्थित थे।