विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रतिदिन सिर्फ 5 ग्राम नमक (लगभग एक चम्मच) के सेवन की सलाह दी है। यह सलाह उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए दी गई है। हालांकि, इस दिशा-निर्देश के बावजूद विश्व स्तर पर औसतन 9 से 12 ग्राम नमक का सेवन हो रहा है, जो सुझाई गई मात्रा से दोगुने से भी अधिक है। प्रोसेस्ड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों का बढ़ता उपयोग इस अधिक नमक सेवन का मुख्य कारण है।

नमक अक्सर चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स, ब्रेड और सॉस जैसे सामान्य खाद्य पदार्थों में छिपा होता है, जिससे लोगों के लिए अपने सोडियम सेवन को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। अधिक नमक का सेवन शरीर के तरल संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे हृदय और रक्त वाहिकाओं पर अधिक दबाव पड़ता है। शोध से साबित हुआ है कि नमक की मात्रा कम करने से रक्तचाप में सुधार होता है और हृदय रोगों का खतरा घटता है।

WHO ने नमक की मात्रा कम करने के लिए ताज़ा भोजन पकाने, खाद्य लेबल पढ़कर कम सोडियम वाले उत्पादों को चुनने, स्वाद के लिए नमक की जगह जड़ी-बूटियों और मसालों का उपयोग करने और खाने में नमक की मात्रा धीरे-धीरे कम करने की सलाह दी है। सरकारों और खाद्य निर्माताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है कि वे कम नमक वाले उत्पाद विकसित करें और उच्च सोडियम सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाएं।

WHO की 5 ग्राम प्रतिदिन नमक सेवन की सिफारिश अपनाना एक छोटा सा बदलाव लग सकता है, लेकिन यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। यह जानलेवा बीमारियों को रोकने और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकता है।