
लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को राजधानी लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में उत्तर प्रदेश पुलिस के 60,244 नव चयनित कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे। अमित शाह ने इस अवसर को प्रदेश के युवाओं के लिए ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह भर्ती “न पर्ची, न खर्ची, न जाति, न भ्रष्टाचार” बल्कि केवल योग्यता के आधार पर की गई है।
गृहमंत्री ने कहा, “आज इन 60,244 युवाओं के लिए सबसे शुभ दिन है क्योंकि वे देश के सबसे बड़े राज्य की कानून-व्यवस्था की रीढ़ बनने जा रहे हैं। अब यूपी में योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाती है, कोई सिफारिश, रिश्वत या जातिवाद आड़े नहीं आता।”
शाह ने कहा कि यूपी में एक दौर ऐसा भी था जब कानून व्यवस्था चरमराई हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में न्याय का शासन स्थापित हुआ है। उन्होंने बताया कि चयनित कांस्टेबलों में 12 हजार से अधिक महिलाएं हैं और उनके आत्मविश्वास से पूरे कार्यक्रम का वातावरण ऊर्जा से भर गया।
उन्होंने कहा, “आज यूपी दंगा मुक्त हो चुका है। यहां अपराधियों को अब वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलता है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यूपी पुलिस का हिस्सा बनने वाले हर जवान को समाज के गरीब और वंचित तबके के लिए मसीहा बनना चाहिए।
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए बताया कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा से ऊपर आए हैं, और देश आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। उन्होंने भरोसा जताया कि वर्ष 2027 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने चयनित पुलिसकर्मियों से आह्वान किया कि वे ईमानदारी, सेवा और संवेदनशीलता के साथ जनता की सेवा करें और उत्तर प्रदेश को कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में देश का आदर्श राज्य बनाएं।
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