मुइज्जू ने आश्वासन दिया है कि उनका देश कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चार दिनों की भारत यात्रा पर आए हैं और रविवार को नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया है कि उनका देश कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो। मालदीव आर्थिक संकट से गुजर रहा है, भारत के साथ अपने देश के संबंधों को फिर से बेहतर करने के लिए मुइज्जू भारत काे दौरे पर आए हैं। चीन के करीबी माने जाने वाले मुइज्जू ने रविवार को कहा कि चीन के साथ देश के संबंधों से भारत की सुरक्षा को कभी कोई खतरा नहीं होगा।

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उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि, “मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जो भारत की सुरक्षा को कमजोर करता हो। भारत मालदीव का एक वैल्यूएबल भागीदार और दोस्त है, और हमारे संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर बने हैं। जबकि हम विभिन्न क्षेत्रों में अन्य देशों के साथ अपना सहयोग बढ़ाते हैं, हम बने रहेंगे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे कार्यों से हमारे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता से समझौता न हो।”

साक्षात्कार में जब मुइज्जू से भारतीय सैनिकों की वापसी पर उनके फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि “मालदीव और भारत को अब एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और चिंताओं की बेहतर समझ है। मैंने वही किया जो मालदीव के लोगों ने मुझसे पूछा था। हालिया बदलाव घरेलू प्राथमिकताओं को संबोधित करने के हमारे प्रयासों को दर्शाते हैं। पिछले समझौतों की हमारी समीक्षा का उद्देश्य उन्हें सुनिश्चित करना है हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप रहें और क्षेत्रीय स्थिरता में सकारात्मक योगदान दें।”

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू दिल्ली में अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित किए।

मालदीव-भारत संबंध तब से तनावपूर्ण हो गए थे जब मालदीव ने भारतीय सैनिकों को मालदीव से वापस जाने के लिए कहा था। मालदीव के मंत्रियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों से द्विपक्षीय संबंधों में और तनाव आ गया था।